युनानी मिस्र रूमां सब मिट गए जहाँ से, बाकी अभी तलक है नामों-निशां हमारा। युनानी मिस्र रूमां सब मिट गए जहाँ से, बाकी अभी तलक है नामों-निशां हमारा।
एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझाने की कोशिश करता है... एक बालक की जिज्ञासा है जिसमें वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अपने अबोध मन को समझ...
लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I लकीरों में नहीं कर्म से, सींच अपने भाग्य का मंजर I
अब धरती अपनी सब्र खो चुकी है, बदलना चाहती है अब अपना स्वभाव अब धरती अपनी सब्र खो चुकी है, बदलना चाहती है अब अपना स्वभाव
यह ज़िन्दगी है यारों, यहां रोज़ लगता एक मेला है। यह ज़िन्दगी है यारों, यहां रोज़ लगता एक मेला है।
वक्त के बारे में एक कविता। वक्त के बारे में एक कविता।